Friday 19 February 2016

Baba ji is always with us

बाबा जी हमेशा हमारे साथ हैं
एक बीबी की शादी सत्संगी परिवार में हो गयी, उस परिवार में सब लोग भजन सिमरन करते थे, जब वो सब भजन पर बैठते थे तब वह बीबी बाबा जी की फोटो निहारती रहती थी, धीरे धीरे समय बीतने लगा, इस दरमियान उस बीबी को एक बेटा भी हो गया, अब बेटा पांच साल का हो गया था, जब वह बीबी बाबा जी की फोटो निहारती थी तब उसका बेटा बाबा जी की फोटो पर कंघी फेरता रहता ।
खुशकिस्मती से उस बीबी को नामदान की पर्ची मिल गयी और वह नामदान के लिए चली गयी, साथ में अपने बेटे को भी ले गयी ।
वहां उसके बेटे को बच्चों वाले स्टैंड में सेवादारों के पास छोड़ा और खुद अन्दर नामदान के लिए बैठ गयी, बाबा जी जब नामदान देते हैं तो नामदान के बाद बच्चों को भी दर्शन देने जाते हैं, उस दिन बाबा जी नामदान से पहले ही बच्चों को दर्शन देने चले गए और उस बीबी के बच्चे को गोद में लेकर पूछते हैं, “आज दाढ़ी में कंघी नहीं करनी?” तो वह बच्चा बोला, “बाबा जी मेरी कंघी तो घर पर ही रह गयी है।”
बाद में जब ये बात उसकी माँ को पता लगी तो वह बहुत रोई और बाबाजी को बहुत याद किया । उसका क्या हाल हुआ होगा ये तो कोई सत्संगी ही समझ सकता है ।
इस साखी को बताने से भाव सिर्फ इतना है कि बाबा जी हमें हर पल देख रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं और हमें क्या चाहिए और किस चीज़ की कितनी ज़रूरत है, वो हमसे बेहतर जानते हैं, हमें भी चाहिए की हम हर पल बाबा जी की मौज में रहें और उन्हें हमेशा अपने अंग-संग महसूस करें ।
॥ राधा स्वामी जी ॥

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